BharatPe Get MCA Notice: अशनीर ग्रोवर ने 2018 में भारतपे की शुरुआत की थी। लेकिन फंड की हेराफेरी के आरोप में उन्हें मैनेजिंग डायरेक्टर पद से हटना पड़ा था।
BharatPe Get MCA Notice: फिनटेक कंपनी भारतपे (BharatPe) को कॉरपोरेट मंत्रालय (MCA) ने एक नोटिस भेजा है। इसमें सरकार ने कंपनी के फाउंडर अशनीर ग्रोवर के खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक और दीवानी मामलों की जानकारी मांगी है। इस पर कंपनी ने कहा है कि वह जांच में सरकार का पूरा सहयोग प्रदान करेगी। बता दें कि 31 जनवरी को आरबीआई ने लीडिंग फिनटेक कंपनी पेटीएम के पेमेंट्स बैंक समेत वॉलेट रिचार्ज पर प्रतिबंध लगाए। यह बैन 1 मार्च से प्रभावी होगा।
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय की ओर से भारतपे को यह नोटिस कंपनी लॉ की धारा 206 के तहत जारी किया गया है। इसमें अशनीर ग्रोवर के खिलाफ कोर्ट में चल रहे सभी मामलों से जुड़े सबूत और जानकारी मांगी गई है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतपे कंपनी को लेकर विवादित स्थिति के बारे में जानकारी हासिल करना है।
इसलिए कंपनी से हटाए गए ग्रोवर?
उल्लेखनीय है कि 4 साल पहले अशनीर ग्रोवर ने भारतपे कंपनी की शुरुआत की गई थी, लेकिन बाद में अशनीर और उनकी पत्नी के खिलाफ कंपनी फंड में हेराफेरी के आरोप लगे और उन्हें कंपनी से निलंबित कर दिया गया। इसके बाद उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए, जिनकी जांच जारी है। तब उन्होंने नायका का आईपीओ अलॉट नहीं होने पर कोटक ग्रुप के एक कर्मचारी को धमकाया था।
नोटिस पर BharatPe ने क्या दिया जवाब?
भारतपे ने कारपोरेट मंत्रालय के नोटिस का जवाब दिया है। कंपनी ने कहा कि सरकार ने 2022 के मामले की समीक्षा शुरू की थी और इसी सिलसिले में पूछताछ के लिए अशनीर ग्रोवर से जुड़ी जानकारियां चाही गई है। हम जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग करेंगे।
कंपनी ने ग्रोवर के खिलाफ किया था केस
भारतपे ने ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर अशनीर ग्रोवर के खिलाफ दीवानी मुकदमा दायर किया था। इसमें उनके खिलाफ फंड के दुरुपयोग का आरोप है। कंपनी का दावा है कि ग्रोवर ने भारतपे को खड़ा करने में कोई योगदान नहीं दिया। कंपनी का कहना है कि 2018 में अशनीर ने केवल 31,920 रुपए निवेश किए थे, जिसके बदले में उन्हें 3,192 शेयर दिए गए।