भारत में HMPV वायरस: मामलों में वृद्धि और स्वास्थ्य दिशा-निर्देश

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HMPV के मामलों में वृद्धि
भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले बढ़ते जा रहे हैं, अब तक 6 राज्यों में कुल 12 मामले सामने आ चुके हैं। शुक्रवार (11 जनवरी) को राजस्थान के बारां में एक नए मामले की पुष्टि हुई, जिसमें 6 महीने की बच्ची HMPV पॉजिटिव पाई गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बच्ची 3 महीने पहले HMPV संक्रमित हुई थी और फिलहाल उसकी हालत स्थिर है, उसका इलाज कोटा में चल रहा है। मेडिकल सर्वे में बच्ची के संक्रमित होने की जानकारी सामने आई।

नए मामलों की पुष्टि
गुरुवार (10 जनवरी) को 3 नए मामलों की पुष्टि हुई: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 60 साल की महिला, गुजरात के अहमदाबाद में 80 साल के बुजुर्ग और हिम्मतनगर में 7 साल का बच्चा HMPV संक्रमित पाए गए हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटका, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अब तक मामले सामने आ चुके हैं। मामलों की वृद्धि को देखते हुए राज्यों में सतर्कता बढ़ाई गई है और अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं।

राज्यों में HMPV के मामले

  • महाराष्ट्र: 3 मामले
  • गुजरात: 3 मामले
  • कर्नाटका: 2 मामले
  • तमिलनाडु: 2 मामले
  • पश्चिम बंगाल: 1 मामला
  • उत्तर प्रदेश: 1 मामला
  • राजस्थान: 1 मामला

HMPV क्या है और कैसे फैलता है?
HMPV एक RNA वायरस है, जो इंसान के श्वसन तंत्र पर असर डालता है। इसमें बुखार, खांसी, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यह खांसी, छींक या दूषित सतहों के संपर्क से फैलता है। इस वायरस से छोटे बच्चे और बुजुर्ग ज्यादा प्रभावित होते हैं। WHO के अनुसार, यह वायरस 2001 में पहली बार पाया गया था और यह कोरोना की तरह तेजी से नहीं फैलता। हालांकि, सर्दी के मौसम में इसके मामलों में बढ़ोतरी देखी जाती है।

विशेषज्ञों की राय
AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह वायरस नया नहीं है और इसका इलाज एंटीबायोटिक्स से नहीं किया जा सकता। अधिकांश मामलों में मरीज अपने आप ठीक हो जाते हैं। कोविडRx एक्सचेंज के संस्थापक डॉ. शशांक हेडा ने बताया कि HMPV को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह साधारण संक्रमण जैसा है, जो ठंड के मौसम में बढ़ता है। विशेषज्ञों ने मास्क पहनने और भीड़-भाड़ से बचने की सलाह दी है।

सरकार की तैयारी
केंद्र सरकार ने राज्यों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है और ‘इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस’ और ‘सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इश्यूज’ की निगरानी बढ़ाने की सलाह दी है। ICMR और IDSP मामलों पर नजर रख रहे हैं और HMPV के लिए टेस्टिंग लैब्स की संख्या बढ़ाई जा रही है। WHO ने भी स्थिति पर निगरानी बनाए रखने की बात कही है और सरकार ने कहा कि भारत इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

बचाव के उपाय
HMPV से बचाव के लिए मास्क पहनें, हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखें, बच्चों और बुजुर्गों को भीड़-भाड़ से बचाएं, पौष्टिक आहार लें और ज्यादा पानी पिएं। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सरकार ने कहा है कि HMPV गंभीर बीमारी नहीं है और यह ज्यादातर सामान्य संक्रमण जैसा ही रहता है, हालांकि सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

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