कैटाकॉम्ब ऑफ पेरिस यानी कंकालों की सुरंग, कैसे आए यहां पर साठ लाख लोगों के अस्थि पिंजर?

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कैटाकॉम्ब ऑफ पेरिस यानी कंकालों की सुरंग। यहां पर साठ लाख से अधिक मृत लोगों के शवों के अवशेष रखे हुए हैं। यदि कोई इन कैटाकॉम्ब यानी तलघर में प्रवेश करता है तो उसका सामना एक बोर्ड से होता है, जिस पर लिखा है कि यह मौत का साम्राज्य है। असल में 1774 में पेरिस के होली इन्नोसेंट कब्रिस्तान के चर्च के तलघर की दीवारें दरककर गिर गईं और वहां बड़ी संख्या में दफन शवों के अवशेष बाहर आ गए। जिससे बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो गया। इससे निपटने के लिए इन अवशेषों को ठिकाने लगाने के लिए जगह तलाशी जाने लगी। इसके लिए पेरिस के बाहरी इलाकों में स्थित चूने की खदानों को सबसे उपयुक्त स्थान माना गया। असल में ये सुरंगनुमा भूमिगत खदानें चूना निकालने के बाद से खाली थीं। 1786 में पूरे पेरिस के कब्रिस्तानों से शवों को निकालकर बंद गाड़ियों में यहां पहुंचाया गया।

catacombs of Paris - The Bombay Tribune

 

इसके बाद इस स्थान को लगभग भुला सा दिया गया। लेकिन, 19वीं सदी की शुरआत में यह स्थान कुछ निजी कार्यक्रमों के लिए एक आदर्श स्थान बन गया तो पेरिस प्रशासन की इस पर नजर पड़ी और इसे जनता के लिए खोला जाने लगा। लेकिन, 2013 से इसका प्रबंधन पेरिस म्यूजियम की एक शाखा को दे दिया गया है। पेरिस की भूमिगत खदानें बहुत लंबी और संख्या में बहुत अधिक हैं और ये अवशेष इस तलघर के एक बहुत ही छोटे हिस्से में रखे हुए है, इसके बावजूद पेरिस के लोग इस पूरे इलाके को ही कैटाकॉम्ब कहने लगे हैं। इन तलघरों का इस्तेमाल विश्वयुद्ध के दौरान पेरिस मुक्ति वाहिनी के सदस्यों ने किया और यहीं से कर्नल रोल टैंगी ने पेरिस की मुक्ति के लिए जून 1944 में संघर्ष की शुरुआत की।

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2004 में टोलोकैडेरो के तलघरों में पुलिस ने एक पूरी तरह सुसज्जित थिएटर का भी पता लगाया। यहां पर एक विशालकाय स्क्रीन, दर्शकों के बैठने के लिए सीटें और प्रोजेक्टर सहित सभी आवश्यक सामान था। यही नहीं एक शानदार बार भी यहां पर बनी हुई थी।

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2014 में रिलीज हुई फिल्म एज अबब, सो बिलो पहली फिल्म थी, जिसने पेरिस प्रशासन से अनुमति लेकर यहां पर शूटिंग की। 2015 में एयरएनबी ने साढ़े तीन लाख पाउंड खर्च करके लोगों को यहां रात बिताने के लिए आमंत्रित किया। 2017 में चोरों ने इन तलघरों का इस्तेमाल शराब के एक गोदाम में चोरी करने के लिए किया। उन्होंने इल तलघरों से सुरंग खोदकर गोदाम में प्रवेश किया और ढाई लाख पाउंड की शराब चुराकर ले गए। यहां पर लोगों के प्रवेश को अनेक बार खोला व बंद किया गया। जून 2020 से इसे एक बार फिर पर्यटकों के लिए खोल दिया गया ।

 

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