अहमदाबाद: पंजाब-हरियाणा की सीमा पर जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार गांवों के सभी पहलुओं को प्राथमिकता दे रही है और साथ ही विभिन्न योजनाओं और पहलों की मदद से छोटे किसानों के जीवन-स्तर को सुधारने के लिए ध्यान केंद्रित कर रही है।
उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना आवश्यक है।
मोदी गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) के स्वर्ण जयंती समारोह के लिए अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में एकत्र हुए करीब एक लाख लोगों को संबोधित कर रहे थे। इनमें ज्यादातर मवेशी पालक और किसान थे। जीसीएमएमएफ ‘अमूल’ ब्रांड के तहत अपने उत्पादों का विपणन करता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की 10 हजार किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने की महत्वकांक्षी योजना का संदर्भ देते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का मिशन छोटे किसानों को ‘कृषि उद्यमी और निर्यातक’ में तब्दील करना है।
मोदी ने अपने संबोधन में किसानों और ग्रामीणों के लिए शुरू की गई माइक्रो एटीएम, गोबरधन योजना और प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र सहित विभिन्न योजनाओं का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘‘गांवों में माइक्रो एटीएम स्थापित करने से पशुपालकों को नकदी निकालने के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। हम पशुपालकों को ‘रूपे’ क्रेडिट कार्ड देने की योजना बना रहे हैं। पायलट परियोजना के तहत हमने इसकी शुरुआत यहां के बनासकांठा और पंचमहल जिले में की है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘महात्मा गांधी कहते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है, इसलिए विकसित भारत बनाने के लिए हमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम गांवों के प्रत्येक पहलु को प्राथमिकता दे रहे हैं और हमारा ध्यान सीमांत किसानों के जीवन स्तर में सुधार करने, मवेशियों की सेहत में सुधार करने और मत्स्य पालन तथा मधुमक्खी पालन जैसे अन्य उपायों से किसानों की आय बढ़ाने पर है। इसलिए हमने मछुआरों और पशुपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड देने का फैसला किया।’’
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने (किसानों को) बीज भी दिए जो जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव से बचने में सक्षम हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मवेशियों को खुरपका बीमारी से बचाने के लिए उनकी सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से मवेशियों के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान शुरू किया और 60 करोड़ रुपये की राशि अबतक दी जा चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने पूरे देश में किसान समृद्धि केंद्र स्थापित किए, ताकि किसानों को उनकी समस्या का गांव के नजदीक वैज्ञानिक समाधान मिल जाए। हम जैविक खाद बनाने में किसानों की मदद करने की व्यवस्था कर रहे हैं।’’
खेत में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने और गोबर से संचालित बायोगैस संयंत्र से जैविक खाद बनाने का संदर्भ देते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ‘अन्नदाता’ को ‘ऊर्जादाता’ और ‘उर्वरकदाता’ के रूप में तब्दील करना चाहती है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम किसानों को सौर ऊर्जा से संचालित पंप दे रहे हैं और किसानों को खेत में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में मदद कर रहे हैं। हम अपनी गोबरधन योजना के तहत गैस उत्पादन के लिए किसानों से गोबर खरीदेंगे। इस बायोगैस का इस्तेमाल डेयरी संयंत्र में बिजली उत्पादन के लिए किया जाएगा। इस प्रक्रिया के दौरान उत्पादित जैविक खाद वापस किसानों को दिया जाएगा।’’
मोदी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार की योजना 10 हजार एफपीओ स्थापित करने की है और करीब आठ हजार एफपीओ पहले ही स्थापित हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘ये एफपीओ छोटे किसानों के बड़े संगठन हैं। हमारा मिशन छोटे किसानों को कृषि उद्यमी बनाना और निर्यातक में तब्दील करना है। हम ऐसे एफपीओ और पीएसी (प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटी) को करोड़ों रुपये मुहैया करा रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा में मौजूद लोगों को सूचित किया कि उनकी सरकार ने बुधवार रात मंत्रिमंडल की हुई बैठक में कुछ अहम फैसले लिये हैं। उन्होंने कहा कि इन फैसलों में मवेशी बीमा योजना के तहत किसानों द्वारा दी जाने वाली प्रीमियम राशि में कमी करना शामिल है।
गुजरात में पूर्व में पड़ने वाले सूखे और लोगों को होने वाली समस्या का संदर्भ देते हुए मोदी ने कहा कि नर्मदा नदी के पानी ने इलाके का भाग्य बदल दिया है, जो पहले बुरी तरह से प्रभावित रहता था।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने 60 हजार अमृत सरोवर का निर्माण किया है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगा। हमारी कोशिश किसानों को आधुनिक प्रौद्योगिकी से जोड़ना है, जैसे टपक सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन)। गुजरात में सिंचाई का यह तरीका गत सालों में लोकप्रिय हुआ है और राज्य सरकार भी किसानों को सिंचाई की यह तकनीक अपनाने में सहायता प्रदान कर रही है।’’