राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली है और इसके साथ ही राज्य के नए मुख्यमंत्री को लेकर अटकलबाजियों का दौर शुरू हो चुका है
जयपुर: भाजपा ने रविवार (3 दिसंबर) को राजस्थान पर कब्ज़ा कर लिया, 199 में से 115 सीटों पर जीत हासिल की, जहां मतदान हुआ क्योंकि कांग्रेस राज्य की तीन दशक की रिवॉल्विंग-डोर प्रवृत्ति को पार करने में विफल रही। जिसमें मतदाताओं ने सत्तासीन पार्टी को खारिज कर दिया। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल चर्चा में है कि पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा. क्या वसुंधरा राजे को फिर मौका मिलेगा या पार्टी किसी नए चेहरे पर दांव लगाएगी.
यहां हम आपको उन 4 चेहरों के बारे में बता रहे हैं जो राजस्थान में बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार बताए जा रहे हैं.
वसुंधरा राजे
राजस्थान में मुख्यमंत्री की दौड़ में वसुंधरा राजे सबसे आगे हैं. 70 साल की वसुंधरा 2003 और 2013 में राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. 2020 तक वसुंधरा के बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से रिश्ते ज्यादा अच्छे नहीं थे लेकिन पिछले तीन साल में उन्होंने आलाकमान का भरोसा जीता है. बीजेपी विधायकों में आज भी वसुंधरा राजे समर्थकों की तादाद अन्य सभी नेताओं से ज्यादा है. वे छह बार विधायक और 4 बार सांसद चुनी गई हैं. उम्र एक फैक्टर है जो उनके खिलाफ है.
दीया कुमारी
बीजेपी ने राजस्थान में जिन सात सांसदों को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा, उनमें दीया कुमारी का भी नाम है. दीया कुमारी को सबसे सुरक्षित जयपुर की विद्याधर नगर सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया गया. जयपुर के पूर्व राजपरिवार से जुड़ी दीया कुमारी के राजनीतिक सफर की शुरुआत 2013 में हुई थी. 52 साल की दीया बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व की पसंद हैं. वसुंधरा राजे की छवि जहां सेक्यूलर नेता की मानी जाती है वहीं दीया कुमारी बीजेपी के उग्र हिंदुवादी एजेंडे पर खरा उतरती हैं. वसुंधरा के विकल्प के तौर पर दीया को राजस्थान की कमान मिल सकती है. 71 हजार वोटों के अंतर की बड़ी जीत के बाद दीया कुमारी का कद बढ़ा है.
गजेंद्र सिंह शेखावत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर से दो बार सांसद चुने जा चुके गजेंद्र सिंह शेखावत भी केंद्रीय नेतृत्व की पसंद माने जाते हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले शेखावत को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी समर्थन प्राप्त है. 56 साल के शेखावत जोधपुर संभाग में मजबूत पकड़ रखते हैं. बीजेपी के राजपूत चेहरे के तौर पर गजेंद्र सिंह को राजस्थान की बागडोर मिल सकती है.
ओम बिड़ला
बीजेपी के दो सबसे बड़े नेताओं नरेंद्र मोदी और अमित शाह के करीबी माने जाने वाले ओम बिड़ला भी राजस्थान में सीएम पद के दावेदार हैं. कोटा क्षेत्र में खासा प्रभाव रखने वाले बिड़ला लोकसभा स्पीकर हैं. मई में उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला है. राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान वो लगातार ग्राउंड पर थे. उनके करीबियों को टिकट भी दिया गया था. ऐसे में उनका दावा भी मजबूत है.
बाबा बालकनाथ
2019 में अलवर से कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह को हरा कर पहली बार सांसद बने बालकनाथ को बीजेपी ने तिजारा विधानसभा सीट से टिकट दिया था. तिजारा में बालकनाथ ने जीत हासिल की है. राजस्थान बीजेपी में तेजी से हिंदुत्व पॉलिटिक्स का चेहरा बनकर उभरे बालकनाथ को उनके समर्थक ‘राजस्थान का योगी’ कहते हैं. मस्तनाथ मठ के महंत बालकनाथ हिंदुत्व के एजेंडे को लेकर मुखर रहे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री के दावेदारों में उनका नाम भी शामिल किया जा रहा है.