Kolkata Rape Case: कोलकाता में मेडिकल छात्रा से रेप और मर्डर केस में हड़ताल पर चल रहे डॉक्टरों से मुलाकात करने पहुंची ममता बनर्जी को दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा, लेकिन डॉक्टरों से बातचीत नहीं हो पाई। मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर हड़ताली डॉक्टर अड़िग रहे और मीटिंग नहीं हो सकी।
ममता बनर्जी ने करीब दो घंटे तक डॉक्टरों का कॉन्फ्रेंस हॉल में इंतजार किया, लेकिन डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल नहीं पहुंचा। डॉक्टरों के मीटिंग में नहीं पहुंचने पर ममता बनर्जी ने कहा कि हमने डॉक्टरों के साथ बैठक के लिए 2 घंटे तक इंतजार किया, लेकिन उनकी ओर से कोई नहीं आया।
ममता बनर्जी ने क्या कहा
इसके बाद ममता बनर्जी ने पीसी कर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को हमने बातचीत करने के लिए खुले दिमाग से आने को कहा था। क्योंकि बातचीत ही समस्या का समाधान है, लेकिन आज डॉक्टरों के रुख को देखकर लगता है कि वो समस्या का समाधान नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि मामला कोर्विट में चाराधीन है तो हम इस तरह मामले के बारीक विवरणों पर चर्चा नहीं कर सकते। ममता ने कहा कि मैंने तय किया था कि हम मृतक पीड़िता की याद में एक प्रस्ताव पारित करेंगे जो आज हमें छोड़कर चले गए।
ममता ने अपनी पीसी में डॉक्टरो के हड़ताल के कारण हो रही समस्याओं का जिक्र किया। कहा कि 27 लोगों की बिना चिकित्सा की मौत हो गई है। मेरा दिल सभी के लिए रो रहा है। मैं दो घंटे से इंतजार कर रही हूं, लोकिन बात करने के लिए कोई नहीं आया। मैं कुछ नहीं कहूंगी और डॉक्टर्स मेरे छोटे भाई- बहन हैं। वो अपनी हड़ताल वापस लें।
दो घंटे तक कॉन्फ्रेंस हॉल में बैठी रहीं ममता
ममता ने दो घंटे कॉन्फ्रेंस हॉल में अकेले बैठकर डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं पहुंचे। इसके बाद सीएम ममता कॉन्फ्रेंस हॉल से निकल गईं। ममता बनर्जी के अकेले बैठे रहने का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि हड़ताली डॉक्टरों से बातचीत के लिए कुर्सियां लगाई गई हैं और ममता बनर्जी अकेले ही बैठकर उनका इंतजार कर रही हैं।
जूनियर डॉक्टरों की शर्तें क्या हैं?
जूनियर डॉक्टरों ने सीएम ममता बनर्जी के साथ बैठक के लिए कुछ शर्ते रखी हैं। इसके लिए डॉकटरों ने राज्य सरकार को एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि मुख्य सचिव द्वारा निर्धारित अधिकतम 15 प्रतिनिधियों के बजाय बैठक में कम से कम 30 प्रतिनिधियों को शामिल होने की अनुमति दी जाए। बैठक में केवल उनकी मांगों पर बातचीत हो। बातचीत का टीवी पर सीधा प्रसारण किया जाए और चर्चा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में हो।
क्या है मांगें
जूनियर डॉक्टर राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक राज्य सरकार के सभी प्रमुख अधिकारी जैसे-कोलकाता पुलिस कमिश्नर, राज्य स्वास्थ्य सचिव व अन्य को नहीं हटाया जाता, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।