Agra Lal Taj Mahal : 7 अजूबों में से एक है हसीन ताजमहल, जो की आगरा में स्थित है। लेकिन क्या आप को पता है कि आगरा में शाहजहां और मुमताज की मोहब्बत की निशानी ताजमहल के अलावा भी एक और ताजमहल है जिसे लोग भूतिया माना जाता है। ऐसे किस्से और कहानियां प्रचलित हैं कि यहां रात के वक्त डरावनी आवाजें आती हैं। जिस तरह से सफेद संगमरमर से बना हुआ विश्व प्रसिद्ध आगरा का ताजमहल मोहब्बत की निशानी है, उसी तरह से लाल पत्थरों से बना हुआ यह ताजमहल भी प्यार की निशानी है। आइए इस लाल ताजमहल के बारे में विस्तार से जानते है।
किसने बनवाया आगरा का लाल ताजमहल
बात तब की है, जब भारत में ब्रिटिश हुकूमत ने अपने पैर पसारने शुरू ही किए थे और ब्रिटिश सेना के कुछ सिपाही भारत में अलग-अलग राज्यों की सेना में सिपाही के तौर पर तैनात थे। ऐसा ही एक डच मूल का सिपाही था कर्नल जॉन विलियम हैसिंग। विलियम हैसिंग भारत में अपने परिवार के साथ रहता था और आगरा के लाल किले की देखभाल के लिए उसे सेनापति नियुक्त किया गया था। विलियम हैसिंग की पत्नी ने लाल ताजमहल का निर्माण करवाया था। यह ताजमहल उसने अपने पति विलियम हैसिंग की याद में बनवाया था।
क्या है आगरा के लाल ताजमहल का इतिहास
आगरा के लाल ताजमहल को विलियम हैसिंग का मकबरा भी कहते हैं। यह मकबरा असल के ताजमहल की तरह बेमिसाल तो नहीं है, मगर इसकी सुंदरता में कोई भी कमी नहीं निकाली जा सकती है। 21 जुलाई 1803 में जब विलियम हैसिंग का देहांत हुआ, तब लाल ताजमहल की नींव रखी गई थी। दरअसल, विलियम हैसिंग ने जब अपनी पत्नी के साथ पहली बार शाहजहां का बनवाया हुआ ताजमहल देखा था, तब ही तय कर लिया था कि पति-पत्नी में जो भी पहले जाएगा, दूसरा उसकी याद में ताजमहल बनवाएगा।
पहले विलियम हैसिंग का ही देहांत हो गया था। इसलिए उसकी पत्नी ने अपने बच्चों के साथ मिल कर लाल पत्थर से ताजमहल से मिलती हुई हू-ब-हू इमारत बनवा डाली थी। विलियम हैसिंग एक मामूली सा सिपाही था और उसकी पत्नी के पास इतना धन भी नहीं था कि वह शाहजहां की तरह संगमरमर के पत्थर से ताजमहल बनवाए। इसलिए उसने लाल पत्थर का ताजमहल बनवाया था।
कब्रिस्तान में बना है यह लाल ताजमहल
लाल ताजमहल कर्नल जॉन विलियम हैसिंग की याद में बनाया गया था। इसे उनकी पत्नी ने बनवाया था। सही मायने में यह लाल ताजमहल जॉन हेसिंग की कब्र है। जिसे 19वीं शताब्दी में बनाया गया था। जॉन हेसिंग ब्रिटिश सेना में अधिकारी थे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने उनकी कब्र के तौर पर इसे बनवाया था। यह लाल ताजमहल आगरा के एक कब्रिस्तान में बना हुआ है। इतना ही नहीं, उस वक्त हेसिंग आगरा के किले की रक्षा करने वाली सेना के सेनापति थे। रात के वक्त सैलानी इस ताजमहल को देखने के लिए नहीं जाते हैं।
हैसिंग के मकबरे की उत्तरी दिशा में जनरल पेरन का मकबरा पिरामिड के डिजाइन में बना हुआ है। वाल्टर रीनहार्ड जिसे समरू के नाम से जाना जाता है, उसका मकबरा भी यहां है। वो सरधना की बेगम समरू का पति था। महान यात्री थिएफन थालर, कलाकार आस्टिन डे भी यहां दफन हैं। यहां कब्रों पर फारसी, अंग्रेजी और पुर्तगाली भाषा में लिखे हुए लेख हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां टिकट दर नहीं है लेकिन काफी कम सैलानी ही यहां पहुंचते हैं।
असली ताजमहल को देखने के बाद आया इसे बनाने का ख्याल
लाल ताजमहल आगरा के असल ताजमहल की तरह भव्य तो नहीं है, लेकिन इसकी इमारत काफी सुंदर है. लाल पत्थर से बने होने की वजह से यह मकबरा और ज्यादा आकर्षक लगता है। विलियम हेसिंग का देहांत 21 जुलाई 1803 में हुआ था। कहा जाता है कि जब उनकी पत्नी ने आगरा का ताजमहल देखा तो उसी वक्त यह तय कर लिया है कि पति और पत्नी में से जो पहले इस दुनिया को अलविदा कहेगा उसकी याद में ऐसा ही ताजमहल बनाया जाएगा। जब हेसिंग की मृत्यु हुई तो उनकी पत्नी ने अपने पति की याद में यह मकबरा बनाया।
लाल ताजमहल के नाम से लोकप्रिय यह मकबरा 100 से 200 फीट के दायरे में बना है। इसमें चार मीनारें हैं और चारों तरफ चार बड़े प्रवेश द्वार हैं। यहां हेसिंग के साथ ही उनकी पत्नी की भी कब्र है। यह ताजमहल आगरा के भगवान टॉकीज चौराहे के पास स्थित है। जहां यह मकबरा है वहां रोमन कैथोलिक कब्रिस्तान है। जिसके बीच में इसे बनाया गया है।