पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर एक बार फिर से दोनों पक्षों के बीच रविवार को बैठक होने जा रही है। कोर कमांडर स्तर की वार्ता में लद्दाख के फिंगर एरिया से चीनी सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पर बातचीत होगी।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के चीन की ओर मोल्डो में भारत-चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच यह वार्ता सुबह 11 बजे शुरू होगी। भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि भारतीय पक्ष का पूरा फोकस फिंगर एरिया से चीनी जमावड़े को पीछे करने पर होगा।
हाल ही में दोनों देशों में चल रही बातचीत की वजह से पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, 15 और 17 से चीनी सेना ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे। यह दोनों देशों के बीच डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया पर सहमति के तहत हुआ था। सूत्रों ने कहा था, ‘सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर भारत और चीन के बीच जारी बातचीत के परिणामस्वरूप सेनाएं पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, 15 और 17 पर पूरी तरह पीछे हट गई हैं।’
वहीं, सेना के सू्त्रों ने बताया था कि पूर्वी लद्दाख में तैनात सेना के चार डिवीजन को अभी वापस नहीं बुलाया जाएगा। इनकी तैनाती लद्दाख में अग्रिम मोर्चो पर जारी रहेगी। इन चार डिवीजन में करीब 32 हजार जवान हैं। उस क्षेत्र में पहले से तैनात जवानों के अतिरिक्त ये डिवीजन हाल में वहां भेजे गए थे।
सूत्रों ने कहा था कि इसके कई कारण हैं। एक, एलएसी पर टकराव वाले कई क्षेत्रों से चीनी सेनाएं कुछ पीछे हटी हैं। लेकिन कई स्थानों पर अभी भी वे मौजूद हैं। दूसरे, चीनी सेनाएं एलएसी के निकटवर्ती इलाकों (चीन की तरफ) मौजूद हैं जिनकी संख्या 20 हजार से अधिक होने का अनुमान है। तीसरे, जिस प्रकार मई से लेकर अब तक चीन का पूरा रवैया इस मामले में सामने रहा है, यानी बार-बार वह पीछे हटने पर सहमति होता है लेकिन बाद में मुकर जाता है। उसके मद्देनजर चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसलिए सेना अपनी तैयारियों में कोई चूक नहीं बरतना चाहती है।