भारतीय रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से दबाव आई कर्ज संपत्तियों के समाधान के लिए दिग्गज बैंकर के वी कामत की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। समिति 30 दिन में अपनी सिफारिशें रिजर्व बैंक को 30 दिन को सौंप देगी।
रिजर्व बैंक इन सिफारिशों को यदि जरूरी हुआ तो कुछ सुधार के साथ अधिसूचित करेगा।
समिति कोरोना वायरस की वजह से दबाव वाली कर्ज संपत्तियों के समाधान के लिए वित्तीय मानदंड सुझाएगी।
मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ बृहस्पतिवार को जारी विकासात्मक और नियामकीय नीति बयान में रिजर्व बैंक ने कोविड-19 से संबंधित दबाव की वजह से कर्ज संकट झेल रही इकाइयों के लिए एक समाधान रूपरेखा की घोषणा की है। यह रिजर्व बैंक की सात जून, 2019 को जारी दबाव वाली संपत्तियों के रिण समाधान के लिए एक ठोस रूपरेखा के तहत विशेष सुविधा होगी।
समाधान रूपरेखा के तहत रिजर्व बैंक को एक विशेषज्ञ समिति का गठन करना था जो आवश्यक वित्तीय मानदंडों पर अपनी सिफारिशें देगी। इसे क्षेत्र विशेष के लिए बेंचमार्क के आधार पर समाधान योजना में शामिल किया जाएगा।
विशेषज्ञ समिति 1,500 करोड़ रुपये या उससे अधिक राशि के दबाव वाले खातों के लिए इस रूपरेखा के तहत समाधान योजना की प्रक्रिया का अनुमोदन भी करेगी।
समिति के अन्य सदस्यों में दिवाकर गुप्ता (एक सितंबर, 2020 से एशियाई विकास बैंक के उपाध्यक्ष का अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद) और टी एन मनोहरन (14 अगस्त, 2020 से केनरा बैंक के चेयरमैन का कार्यकाल पूरा होने के बाद) शामिल हैं। इसके अलावा अश्विन पारेख समिति के रणनीति सलाहकार होंगे। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) समिति में सदस्य सचिव होंगे।
कॉरपोरेट और खुदरा कर्जदारों को बड़ी राहत देते हुए रिजर्व बैक ने बृहस्पतिवार को बैंकों को कोविड-19 की वजह से दबाव झेल रहे ऋणों के एकमुश्त पुनर्गठन की मंजूरी दी थी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा था कि 7 जून, 2019 को जारी रूपरेखा के तहत ऋण पुनर्गठन की अनुमति होगी।