दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी घोटाला मामले में सोमवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अदालत से कहा कि उसे आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सिसोदिया की हिरासत की अब जरूरत नहीं है.
सिसोदिया को विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल के समक्ष पेश किया गया था. आप नेता को पूछताछ के लिए पहले पांच दिन और बाद में दो दिन के लिये सीबीआई की हिरासत में सौंपा गया था. यह अवधि समाप्त होने के बाद सिसोदिया को अदालत में आज पेश किया गया था. शुरुआत में, सीबीआई के वकील ने अदालत के समक्ष दलील दी कि जांच एजेंसी अभी आप नेता की हिरासत की फिलहाल मांग नहीं कर रही है, लेकिन बाद में आवश्यकता होने पर वह हिरासत का अनुरोध कर सकती है. सीबीआई ने आप समर्थकों पर मामले का ‘राजनीतिकरण’ करने का आरोप लगाया.
अदालत ने कहा कि आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए एक अर्जी दायर की गयी है. यह दलील दी गयी है कि सीबीआई हिरासत की अब आवश्यकता नहीं है और यदि आवश्यक हुई तो बाद में इसका अनुरोध किया जा सकता है. इन दलीलों के मद्देनजर आरोपी को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत (जेसी) में भेजा जाता है. इसने सिसोदिया को जेल में भगवद गीता, चश्मा, दवा आदि ले जाने की अनुमति दी और तिहाड़ जेल के अधिकारियों को विपश्यना (ध्यान) की अनुमति देने के उनके अनुरोध पर विचार करने का निर्देश दिया. सीबीआई ने 2021-22 की शराब नीति तैयार करने और इसके कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में पिछले सप्ताह सिसोदिया को गिरफ्तार किया था, हालांकि यह नीति अब रद्द की जा चुकी है. सोर्स- भाषा