असम का जतिंगा गांव, जहां पक्षी करने आते हैं सूइसाइड
भारत के विभिन्न राज्यों में मौजूद सूइसाइड पॉइंट्स के बारे में आपने जरूर सुना होगा। लेकिन देश में एक ऐसी भी जगह है जहां हर साल हजारों की संख्या में पक्षी सूइसाइड करते हैं। इस रहस्यमयी वैली का नाम है जतिंगा, जो असम के दक्षिणी हिस्से में स्थित है। यहां पक्षियों के सूइसाइड करने का रहस्य लोगों और वैज्ञानिकों के लिए आज भी एक पहेली बना हुआ है। यहां हम आपको इसी रहस्यमयी वैली के बारे में बता रहे हैं।
नारंगी के बागों के लिए फेमस है गांव
असम के दीमा हसाओ जिले में वैली के बीत स्थित जतिंगा एक बेहद ही सुंदर और छोटा गांव है। उत्तरी काछार पहाड़ियों के बीच स्थित यह सुंदर वैली अपने नारंगी के बागों के लिए फेमस हैं।
हजारों की संख्या में मरते हैं पक्षी
जतिंगा में साल भर सैलानियों का तांता लगा रहता है। लोग दूर-दूर से यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए आते हैं। हालांकि हर साल सितंबर और अक्टूबर के दौरान हजारों की संख्या में होने वाली पक्षियों की मौत का कारण जानने के लिए भी काफी लोग यहां आते हैं।
ज्यादातर शाम को होती है घटना
गांव में पक्षियों द्वारा सूइसाइड किए जानें की घटनाएं ज्यादातर शाम 6 बजे से लेकर रात 10 बजे तक होती हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यहां कृष्ण पक्ष के दौरान ये हादसे बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।
रात में लोगों की एंट्री पर बैन
सितंबर और अक्टूबर के महीने में जतिंगा वैली का मौसम काफी सर्द होता है। इस समय यहां शाम के समय काफी ज्यादा कोहरा होता है और हवाएं भी काफी तेज चलती हैं। इस इलाके में रात में लोगों की एंट्री पर बैन लगा हुआ है।
झुंड में सूइसाइड करते हैं पक्षी
हैरान करने वाली बात यह है कि पक्षी यहां झुंड में सूइसाइड करते हैं। इनमें स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की लगभग 44 प्रजातियां शामिल होती हैं, जिनमें टाइगर बिट्टर्न, ब्लैक बिट्टर्न, लिटिल इहरेट, पॉन्ड हेरॉन, इंडियन पिट्टा और किंगफिशर जैसी प्रजाति के पक्षी शामिल होते हैं।
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