दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल चुनावी मैदान में कूद चुके हैं। दिल्ली के झुग्गी और क्लस्टर इलाकों में रहने वाले लोग भले ही अपने जीवन में बदलाव महसूस नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन इनका वोट दिल्ली की सत्ता को बदलने की ताकत रखता है। चुनावी आंकड़ों के मुताबिक, जिस भी पार्टी को झुग्गीवासियों का एकतरफा समर्थन मिलता है, वह दिल्ली में सत्ता की कुर्सी पर काबिज हो जाती है। इसी वजह से सभी प्रमुख राजनीतिक दल इन वोटरों को अपनी ओर लुभाने में जुटे हुए हैं।
पिछले दो विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) को झुग्गीवासियों का मजबूत समर्थन मिला था, जिससे पार्टी ने भारी बहुमत से सत्ता में वापसी की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बार भी इन वोटरों को अपनी पार्टी से जोड़े रखने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी के कार्यकर्ता झुग्गी बस्तियों में जाकर उनकी समस्याओं पर चर्चा कर रहे हैं और लोगों को AAP की नीतियों और मुफ्त योजनाओं से अवगत करवा रहे हैं। इसके साथ ही नुक्कड़ सभाओं का भी आयोजन किया जा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया अपनी विधानसभा जंगपुरा की बस्तियों में जाकर लोगों से संवाद कर रहे हैं, जबकि अन्य उम्मीदवार भी घर-घर जाकर समर्थन जुटा रहे हैं।
बीजेपी ने भी इस बार झुग्गीवासियों को लुभाने के लिए अपनी तैयारी तेज कर दी है। शहरी वोटरों के साथ-साथ पार्टी की नजर झुग्गीवासियों पर भी है। बीजेपी पिछले दो महीनों से झुग्गी बस्तियों में कैंप लगाकर लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है। पार्टी के बड़े नेता रात को झुग्गी बस्तियों में रहकर स्थानीय लोगों से बातचीत कर रहे हैं। इसके अलावा, पार्टी द्वारा स्वास्थ्य जांच शिविर और रोजगार मेले जैसी योजनाएं भी आयोजित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में झुग्गीवासियों के लिए 1,675 फ्लैटों का वितरण भी किया था।
अब बीजेपी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जरिए झुग्गीवासियों से संवाद स्थापित करने की तैयारी कर रही है। 11 जनवरी को शाह दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में झुग्गी बस्तियों के प्रधानों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में करीब 3,000 झुग्गी बस्तियों के प्रधान हिस्सा लेंगे और अमित शाह उन्हें केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे।
दिल्ली में एक समय झुग्गीवासियों का पूरा समर्थन कांग्रेस के पास था, लेकिन पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस अपना जनाधार खो चुकी है। केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी के पक्ष में इस वर्ग का समर्थन बढ़ा, और 2020 के चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। अब कांग्रेस फिर से झुग्गीवासियों का समर्थन वापस लाने की कोशिश कर रही है। पार्टी झुग्गी बस्तियों में बैठकें आयोजित कर रही है और अपने 15 वर्षों के कार्यकाल को लेकर प्रचार कर रही है।
दिल्ली में फिलहाल करीब 750 झुग्गियां हैं, जिनमें 30 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। इनमें से अधिकांश वोट AAP को जाते हैं, लेकिन इस बार बीजेपी ने इस वोट बैंक में सेंध लगाने की योजना बनाई है। चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और AAP सभी अपनी-अपनी ताकत झुग्गीवासियों के बीच झोंक रहे हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान 5 फरवरी को होगा, और परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।