
मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश): जिले के पुरकाजी थाना क्षेत्र में कांवड़ यात्रा के दौरान मंगलवार को एक ढाबे पर भोजन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौट रहे कांवड़ियों ने नेशनल हाईवे-58 पर स्थित “श्री सिद्ध बाबा बालकनाथ ढाबा” पर भोजन में प्याज और लहसुन होने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया और ढाबे में तोड़फोड़ शुरू कर दी।
भोजन में “तड़का” बना विवाद की वजह
जानकारी के मुताबिक, कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ श्रद्धालु नया गांव के पास स्थित इस ढाबे पर रुके थे। उनका आरोप था कि उन्हें परोसी गई दाल में प्याज और लहसुन का तड़का लगाया गया था, जबकि धार्मिक परंपराओं के अनुसार यात्रा के दौरान सात्विक भोजन किया जाता है, जिसमें इन सामग्रियों का प्रयोग वर्जित होता है।
ढाबा संचालक प्रमोद कुमार ने बताया कि यह गलती अनजाने में उनके स्टाफ से हुई, जिसके लिए उन्होंने तुरंत माफी भी मांग ली थी। लेकिन नाराज कांवड़िए शांत नहीं हुए और ढाबे में रखे फर्नीचर, बर्तन और अन्य सामान को नुकसान पहुंचाया।
पुलिस ने मौके पर पहुंच संभाली स्थिति
मामले की सूचना मिलते ही पुरकाजी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि पुलिस ने श्रद्धालुओं को समझाकर मामला शांत कराया और ढाबे को एहतियातन कुछ समय के लिए बंद करवा दिया गया है। फिलहाल किसी पक्ष की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है, इसलिए अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया गया है।
धार्मिक भावनाएं और सावधानी की ज़रूरत
कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं अत्यंत संवेदनशील होती हैं और भोजन को लेकर विशेष सतर्कता की अपेक्षा की जाती है। प्रशासन और स्थानीय व्यवसायियों के लिए यह घटना एक चेतावनी है कि इस दौरान धर्म से जुड़ी मान्यताओं और श्रद्धा का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ही कांवड़ यात्रा के दौरान एक युवक द्वारा कथित तौर पर कांवड़ पर थूकने की घटना ने भी विवाद खड़ा किया था। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि श्रद्धालुओं और आमजन के बीच सौहार्द बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए।