राजस्थान विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी की करारी हार हुई है जिसके बाद पार्टी के नेता और हरियाणा के डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि भले ही हम हारे लेकिन मुझे लगता है कि आज JJP राजस्थान के 13 जिलों में अपनी स्थापना कर चुकी है।
हरियाणा। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने राजस्थान चुनाव में हार को लेकर सफाई दी है। रविवार को भाजपा ने जहां एक तरफ जहां राजस्थान में भरी मत्तों से जीत हासिल की तो वहीं दूसरी तरफ जेजेपी को राजस्थान में सभी सीटों से हार मिली। जेजेपी ने राजस्थान में अपने 19 सीटों पर उम्मीदवार उतरे थे लेकिन एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली। इसके बाद दुष्यंत चौटाला ने सफाई देते हुए कहा दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पेड़ लगाना है तो बीज से इसकी शुरुआत होगी। हमने कार्यकर्ता और बूथ एजेंट न होते हुए भी राजस्थान में 60 हजार वोट लेकर आए हैं।। इसी के साथ पूरे देश में जेजेपी और भाजपा गठबंधन को लेकर संकट के बादल मंडराते नज़र आ रहे हैं।
आपको बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी की करारी हार हुई है जिसके बाद पार्टी के नेता और हरियाणा के डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि भले ही हम हारे लेकिन मुझे लगता है कि आज JJP राजस्थान के 13 जिलों में अपनी स्थापना कर चुकी है। उन्होंने कहा- ”हम 19 सीटों पर चुनाव लड़े। हमारे पास जहां एक कार्यकर्ता या बूथ एजेंट नहीं था, वहां हम 60 हजार वोट लेकर आए। यह तो शुरुआत है। अगर पेड़ लगाना है तो बीज से शुरू होगी। मुझे लगता है कि यह शुरुआत हो गई है।”
चौटाला ने कहा कि राजस्थान में यह हमारी सिर्फ शुरुआत है, जो अच्छी रही। हमने नए दल होने के बावजूद 60 हजार वोट लिए। 13 जिलों में हमने कार्यकर्ता बनाए हैं। हम आगे भी विस्तार करेंगे। हालांकि राजस्थान में जजपा की करारी हार के बाद हरियाणा में दुष्यंत चौटाला और उनकी पार्टी की स्थिति भाजपा के आगे कमजोर हुई है। ऐसे में उन्हें भविष्य में गठबंधन के फैसले को लेकर भाजपा के आगे झुकना पड़ सकता है।
हरियाणा में गठबंधन सरकार में हिस्सेदार
हरियाणा में जजपा भाजपा की सरकार में हिस्सेदार है। यहां 2019 में 90 सीटों पर विधानसभा चुनाव हुआ। इसमें सरकार बनाने के लिए 46 सीटों की जरूरत थी। हालांकि भाजपा सिर्फ 40 सीटें ही जीत पाई। वहीं दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा ने 10 सीटें जीती। जिसके बाद भाजपा ने जजपा को मिलाकर सरकार बना ली। हालांकि अब आदमपुर से भव्य बिश्नोई की जीत के बाद भाजपा के 41 विधायक हो गए हैं।
राजस्थान चुनाव में करारी हार के बाद जजपा के आगे हरियाणा में भाजपा से विधानसभा और लोकसभा चुनाव में गठबंधन मजबूरी बन सकता है। जजपा अगर राजस्थान में एक भी सीट जीत जाती तो फिर तय था कि उनको लेकर हरियाणा में भी माहौल बनता लेकिन ऐसा नहीं हो सका। वहीं भाजपा ने राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ भी जीत लिया। ऐसे में भाजपा हरियाणा में मजबूती से फैसले लेगी। जिसके आगे जजपा को समझौता करना पड़ सकता है।